Tuesday, November 24, 2009

खूबसूरत दौर


क्या बला का खूबसूरत दौर है,
आदमी हर पल यहाँ कुछ और है ******************************
क्यों
होंठ लरजते हैं,
क्या आज हुआ हमको;
खुशबू के बहाने से,
मौसम ने छुआ मुझको

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