Thursday, January 21, 2010
साहिर लुधियानवी
ऐ मेरी जान ! मुझे हैरतों - हसरत से न देख
हम में कोई भी जहानूरो - जहांगीर नहीं
तू मुझे छोड़ के ठुकरा के भी जा सकती है
तेरे हाथों में मेरे हाथ हैं , जंजीर नहीं .
1 comment:
सुरेन्द्र Verma
March 5, 2010 at 4:36 PM
ALL IS WELL
Reply
Delete
Replies
Reply
Add comment
Load more...
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
ALL IS WELL
ReplyDelete