सुना है लोग उसे आँख भर के देखते हैं।
सो उस के शहर में कुछ दिन ठहर के देखते हैं।
सुना है बोले तो बातो से फूल झड़ते हैं।
ये बात है तो चलो बात कर के देखते है ।
सुना है रात उसे चाँद ताकता रहते है।
सितारे माने फलक से उतर के देखते है।
सुना है उसके लबों से गुलाब जलते है।
सो हम बहार पे इल्जाम धर के देखते हैं।
सुना है की उसके बदन की तराश ऐसी है।
की फूल अपनी पंखुडियां कुतर के देखते हैं।
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